एक अध्यापक अपने छात्र के चरित्र के बारे में भली-भांति जानने के कारण उसके बारे में यह बताता है, ‘ मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि वह असंयत हो जाएगा, बहुत-सी बेकार की बाते करेगा, शायद अशिष्ट और अन्यायपूर्ण ढंग से पेश आएगा, पर फिर अपने आचरण-व्यवहार पर उसे खेद होगा, प्रायश्चित की मुद्रा धारण किए हुए इधर-उधर चक्कर काटता रहेगा और अंततः अपने अपराध का निवारण करने के लिए यथासंभव सब कुछ करेगा।